इस पोस्ट में हम स्वामी सत्यप्रकाश जी महाराज का जीवन परिचय जानेंगे जो सनातन धर्म के मूल संस्कारों व विचारधारों को लोगों तक पहुँचाने का कार्य कर रहे है। महाराज ने सनातन धर्म के विचारों को अपना कर लोगों को धर्म की विचारधारा के प्रति जागरूक करना ही उनके जीवन उद्देश्य बना लिया है।
भारत जैसे आध्यात्मिक देश में “वसुधैव कुटुम्बकम्” जो सनातन धर्म का मूल संस्कार तथा विचारधारा है, इसका अर्थ है-धरती ही परिवार है (वसुधा एव कुटुम्बकम्) की भावना से समय-समय धर्म, सँस्कृति की रक्षा के लिए व परोपकार, परमार्थ व जग कल्याण हेतु अनेकों साधु, संत-महात्माओं, ऋषि मुनियों, योगियों, तपस्वियों, महापुरुषों का इस पावन दिव्य धरती पर जन्म(अवतरण) होता आया हैं।
इसी परम्परा में संत-महात्माओं व शूरवीरों की पावन पवित्र भक्तिमय धरा, मरूभूमि, राजस्थान के (मारवाड़) क्षेत्र में परम पुज्य श्रद्धेय बाल संत स्वामी श्री सत्यप्रकाशजी महाराज का जन्म (2/2/1996) सनातन पञ्चाङ्ग के अनुसार विक्रम संवत 2052, बसन्तोत्सव, चैत्र मास, कृष्ण पक्ष, दूज को ब्रह्म मुहूर्त की शुभ वेला में जन्म हुआ।
बचपन से अच्छे विचार व संस्कार थे, व स्वामी विवेकानंद जी को आदर्श मानते थे। संयोग सुप्रसिद्ध गुरूवर संत श्री राजारामजी महाराज व बाल संत श्री कृपारामजी महाराज से मुलाक़ात हुईं और उनकी ओजस्वी, अमृतमयी वाणी सुनकर अतिप्रभावित हूए।
गुरुदेव से दीक्षा लेकर मात्र 7 साल की अल्पायु में घर-परिवार का त्याग कर संत(संन्यास) जीवन अपनाया। आज आप ईश्वर की अनुकम्पा व गुरू कृपा से आध्यात्मिक पथ पर आगे बढ़ रहे हैं।
आपश्री निश्वार्थ व जनकल्याण व गौ सेवा की भावना से श्रीमद भागवत कथा, शिव महापुराण, श्री रामकथा, नैनी बाई रो मायरो, सत्संग-प्रवचन, भजन-संध्या, ध्यान योग शिविर, युवाओं के लिए विशेष मोटिवेशन सेमिनार आदि पुनीत कार्य करके जन-जन को लाभान्वित कर रहे हैं।
आध्यात्मिक के साथ-साथ आपश्री शिक्षा को भी जारी रखा अभी आपश्री संस्कृत साहित्य व हिंदी साहित्य में शास्त्री की योग्यता ली, अब आचार्य की डिग्री प्राप्त करेंगे।
आपश्री को संस्कृत, हिंदी व राजस्थानी भाषा अति प्रिय हैं। साथ हीं सोशल मिडिया पर सक्रिय रहते हैं। वर्तमान में जोधपुर निवास करते हैं। आज वह भारतीय आध्यात्मिक गुरु, प्रेरक वक्ता, कथा वाचक, लेखक व एक योगी के रूप में सुप्रसिद्ध हैं।
महाराज श्री के मुख्य उद्देश्य
Table of Contents
- सत्संग, कथा, प्रवचन व भजनों से लोगों को प्रेरित कर परमार्थिक व परोपकार का कार्य करना।
- मानव समाज को धर्म, कर्तव्य कर्म व भक्ति के मार्ग से जोड़ना।
- नशे जैसी समाज में व्याप्त कुरुतियों को मिटाना।
- गौ माता व पर्यावरण की रक्षा करना।
- अनाथ बच्चों को शिक्षा दिलाना।
स्वामी सत्यप्रकाश जी महाराज से सम्बंधित अधिक पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
स्वामी सत्यप्रकाश कौन हैँ?
स्वामी सत्यप्रकाश एक सुप्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु, प्रेरक वक्ता, योगी व लेखक हैँ।
स्वामी सत्यप्रकाश का जन्म कब हुआ?
स्वामी सत्यप्रकाश का जन्म 2 फ़रवरी 1996, विक्रम संवत 2052 को हुआ।
स्वामी सत्यप्रकाश क्या करते हैँ?
स्वामी सत्यप्रकाश धार्मिक सत्संग प्रवचन व जनजागृति के कार्यक्रम करते हैँ
स्वामी सत्यप्रकाश के सोशल मिडिया अकाउंट
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इस लेख में हमने स्वामी सत्यप्रकाश जी महाराज के जीवन परिचय के बारे में पढ़ा। अगर आप महाराज जी के जीवन के उद्देश्य से प्रेरित हुए है और उनसे जुड़ना चाहते है तो महाराज जी के सोशल मीडिया अकाउंट को जरूर विजिट करें।